ज्वाली। काँगड़ा की ज्वाली तहसील की भलाड़ पंचयात में एक बुजुर्ग महिला गरीबी में गुजर बसर करने को मजबूर है। 80 वर्षीय शंन्नो देवी, पिछले तकरीवन 4 सालों से बिस्तर पर है। वजह 4 साल पहले बुखार और उस समय हस्पताल ना पहुंचना क्यूँकि उनके पास हस्पताल तक जाने के लिए पैसों का अभाव था। बुखार का इलाज ना होने की वजह से उन्हें कई अन्य बिमारियों ने जकड़ लिया और फिर धीरे धीरे वे पूरी तरह बिस्तर पर आ गई।
पहले वे बांस कि टोकरियां बनाने का काम करती थी जिससे परिवार के अन्य सदस्यों का पेट भरता था। अब वो भी छूटा, साथ में छूटे पोते और पोती के कॉलेज। पोते नें कॉलेज लगभग 2 साल तक छोड़े रखा। वजह कॉलेज पड़ने जाता तो परिवार ख़ाता क्या? अब दोबारा 2 साल बाद एडमिशन हुआ। वहीँ 88 प्रतिशत नंबर लेकर पोती नें सोचा कि उसे अब वजीफा मिल जायेगा और उसके आगे की पढ़ाई में मदद हो जाएगी लेकिन वजीफे के लिए दिए गए प्राथना पत्र में हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड का कई तरह से आपतियाँ बता कर उसको रद्द कर दिया।
हलांकि यह पंचायत नव निर्मित है और इसी पंचयात चुनाव में अस्तित्व में आयी है। नव निर्वाचित प्रधान पूरा जोर लगा रहे हैं कि शंन्नो देवी का परिवार बच सके और वो भी मुख्य धारा में आ सके। अगर आप इस परिवार की कोई मदद कर सकते हैं तो जरूर करें। स्त्रोत: समाजसेवी संजय शर्मा की फेसबुक पोस्ट से