केंद्र सरकार ने टोल प्लाजा पर फास्टैग (FASTag) को अनिवार्य कर दिया है। इसका मकसद टोल कलेक्शन को आसान और सुरक्षित बनाने के साथ-साथ टोल पर लगने वाले लंबे जाम से निजात दिलाना है। देश में 15 फरवरी 2021 आधी रात से फास्टैग सभी के लिए अनिवार्य हो हो गया है। इसे लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। नए नियम के अनुसार अगर कोई भी वाहन जिसमें फास्टैग नहीं लगा हुआ है, या जिस वाहन में वैध, एक्टिव फास्टैग नहीं है, उसे शुल्क प्लाजा में प्रवेश करने पर उस श्रेणी के लिए निर्धारित शुल्क का दोगुना शुल्क के बराबर की राशि का भुगतान करना होगा।
देश में NHAI के 515 टोल प्लाजा
देश में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अंतर्गत आने वाले करीब 515 टोल प्लाजा हैं। अगर कोई इन राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल प्लाजा से गुजरता है तो उसे फास्टैग अनिवार्य है। फास्टैग को लागू करने के बाद भारत उन देशों में शामिल हो गया है जहां आरएफआईडी या फास्टैग से टोल कलेक्शन एक तरह से अनिवार्य होता नजर आ रहा है। यूरोप, जापान, अमेरिका, कोरिया आदि देश में आरएफआईडी के माध्यम से टोल लिया जाता है।
कैसे काम करता है फास्टैग?
दरअसल, फास्टैग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन टैग (RFID) है। इस टैग को गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है जो वाहन चालक के बैंक अकाउंट या फिर वॉलेट से जुड़ा रहता है। जब भी गाड़ी टोल प्लाजा क्रॉस करती है तो एक स्कैनर के जरिए ही फास्टैग एकाउंट से पैसों का भुगतान हो जाता है। प्लाजा पर आपको रुककर या कैश के रूप में टोल टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा।

FASTag for vehicles mandatory In India, Know how to get or recharge fastag
कैसे रिचार्च करें फास्टैग?
जिस बैंक का फास्टैग है, उसकी वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रिचार्ज (Fastag Online Recharge) किया जा सकता है। इसके अलावा UPI/डेबिट /क्रेडिट कार्ड/NEFT/नेट बैंकिंग के माध्यम से रिचार्ज किया जा सकता है। अगर फास्टैग बैंक खाते से लिंक है तो पैसा सीधे खाते से कट जाता है। वहीं अगर Paytm वॉलेट फास्टैग से लिंक होता है तो पैसे सीधे वॉलेट से डाले जा सकते हैं।
फास्टैग से कैशलेस ट्रांजैक्शन में होगी बढ़ोतरी
फास्टैग के शुरू हो जाने के बाद, सिस्टम से कैशलेस ट्रांजैक्शन में काफी बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही इससे टोल कलेक्शन में भी बढ़ोतरी आएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी ने दिसंबर में कहा था कि इससे मार्च तक टोल कलेक्शन 34,000 करोड़ रुपये पहुंच सकता है। टोल कलेक्शन के लिए जीपीएस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से टोल कमाई अगले 5 सालों में 1.34 लाख करोड़ पहुंच जाएगी।
अब नहीं करना पड़ेगा टोल प्लाजा पर इंतजार
इसके साथ, टोल से गुजरते हुए अक्सर खुले पैसे न होने की वजह से दूसरे लोगों को इंतजार करना पड़ता है, जिससे आमतौर पर लड़ाई झगड़ा भी हो जाता है। अब आम लोगों को इस समस्या से भी दो-चार नहीं होना पड़ेगा। फास्टैग की मदद से टोल प्लाजा से काफी जल्दी गुजरा जा सकता है तो ऐसे में इंतजार की समस्या भी दूर हो जाएगी और पेट्रोल-डीजल की भी बचत होगी। फास्टैग वॉलेट में पड़ी रकम का प्रयोग 5 वर्षों तक किया जा सकेगा। (इनपुट-PBNS)