कुल्लू की ब्रह्रागंगा नदी में अचानक आई बाढ़ ने सबकुछ तबाह कर दिया…..ये बाढ़ अपने साथ चार लोगों को भी बहा ले गई…जिनका अब तक कुछ अता पता नहीं चल पाया है….इस बाढ़ ने सबसे गहरे जख्म उस परिवार को दिए हैं जिसने अपनी बहू और पौते को खो दिया…..रोशन लाल के सामने चार साल का पोता निकुंज और उसकी मां पूनम बाढ़ के सैलाब में बह गए….लेकिन रोशन लाल कुछ ना कर सका….हालांकि दादा ने निकुंज और पूनम को बचाने के लिए हाथ भी दिया था, लेकिन हाथ पकड़ने से पहले ही तेज बहाव में दोनों बह गए….
दरअसल बादल फटने के बाद जब पानी मकान की तरफ आया तो सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए पूनम ने अपनी पीठ पर चार साल के बच्चे को बांध लिया था। लेकिन इस बीच पीछे से पानी में बहता हुआ एक लकड़ी का बड़ा ठेला आया और इससे वह गिरने से बह गई।
कुछ ही देर में यहां चीख पुकार का माहौल बन गया….बाढ़ के मंजर को देखकर सबके रौंगटें खड़े हो गए। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए….बादल फटने की ये घटना कभी न भूलने वाले जख्म दे गई है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बादल फटने से चार लोगों की जान चली गई है…इनमें तीन स्थानीय लोग हैं…जबकि गाजियाबाद की 25 वर्षीय विनीता चौधरी जो यहां काम के सिलसिले में आई हुई थी….वह भी मौत के मुंह में चली गई….विनीता अपने बिजनेस पार्टनर को बचाने के चक्कर में खुद नाले में बह गई, लेकिन उसने अपने बिजनेस पार्टनर अर्जुन को बचा लिया….
अचानक आई बाढ़ को लेकर ब्रह्मगंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट में तैनात तकनीशियन अमित ने सीटियां बजाकर सो रहे लोगों को अलर्ट भी किया…लेकिन कुछ ही लोग अपनी जान बचा पाए….बहरहाल अब चारों ओर केवल तबाही के ही निशान दिखाई दे रहे हैं……
हादसे के बाद जिला प्रशासन और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर मुआयना करने के लिए पहुंची हैं और नुकसान का आकलन कर रहीं हैं….प्रशासन की ओर से हादसे के शिकार हुए तीन के परिजनों को 10-10 हजार रुपए फौरी राहत दी गई है….जबकि दिल्ली के गाजियाबाद निवासी युवती के परिजनों को हादसे की सूचना दी गई है और परिजनों के कुल्लू पहुंचने पर उन्हें फौरी राहत दी जाएगी…