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वो कहते हैं ना जाको राखे साइंया मार सके ना कोई…..ये कहावत उस समय चरितार्थ हो गई जब मलबे में दबी 8 वर्षीय बच्ची को 12 घंटे बाद बाहर निकाल लिया गया….दरअसल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पिछले दिनों भारी बारिश से कई जगह लैंडस्लाइड हुआ था….बोह गांव में तो कई घर मलबे की चपेट में आ गए…इन घरों में रह रहे लोगों को जान बचाने का मौका भी नहीं मिल पाया और सभी मलबे की चपेट में आ गए…..
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने राहत व बचाव कार्य शुरू किया….और कई घंटे की मशक्कत के बाद बच्ची को बाहर निकाल लिया….बच्ची 12 घंटे से मलबे में दबी थी लेकिन उसने हार नहीं मानी…बच्ची इस उम्मीद से जिंदगी से जंग लड़ रही थी कि कोई आएगा और उसकी जान बचाएगा…..और हुआ भी कुछ ऐसा ही….
12 घंटे तक मलबे में दबी रही बच्ची, नहीं हारी हिम्मत….
हालांकि इस दौरान अवंतिका को गहरी चोट लगी है….अवंतिका के बाजू का ऑपरेशन हुआ है तथा उसकी टांग में प्लास्टर लगा है। अवंतिका पीजीआई चंडीगढ़ में उपचारधीन है….अवंतिका के सेहत में अभी सुधार है…कुछ दिनों में उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगा….नन्ही अवंतिका की हिम्मत को सभी सलाम कर रहे हैं…..
बताते चलें कि बोह गांव में हुई इस इस त्रासदी के कारण कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है….हालांकि सरकार ने प्रभावितों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया है लेकिन भूस्खलन से प्रभावित लोगों के जख्म शायद ही भर पाएंगे….