देश का युवा अगर कुछ ठान ले तो कुछ करके ही मानता है। कुछ ऐसा ही भारत की एक बेटी ने बुंदेलखंड की बंजर जमीन पर वह कार्य कर दिखाया है जो आज देश के सामने बड़ी मिसाल पेश कर रहा है। इस बेटी ने यहां की बंजर जमीन पर स्ट्राबेरी बेरी की फार्मिंग कर दिखाई है। इससे स्थानीय किसानों को भी काफी प्रोत्साहन मिल रहा है। गुरलीन चावला ने बुंदेलखंड में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कार्य घर की छत से प्रारंभ किया। इसके बाद इसे बढ़ाकर वहां के खेतों में रोपित किया। आज इसके माध्यम से पूरे झांसी व बुंदेलखंड को एक नई पहचान मिली है। वहीं इससे किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ी है।

खेती से पहले झांसी के हरजीत चावला और उनकी बेटी गुरलीन चावला ने अपनी बंजर जमीन का मिट्टी परीक्षण कराया और उसके बाद हॉर्टी कल्चर ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से अपने एक एकड़ खेत में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कर साबित कर दिखाया कि बुंदेलखंड की जमीन बंजर नहीं हो सकती। आज गुरलीन स्ट्रॉबरी से ही लाखों की कमाई कर रही हैं।
गुरलीन चावला का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें काफी प्रोत्साहन दिया। भारत सरकार और प्रशासन ने भी इस कार्य में काफी सहयोग किया। सभी ने हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि स्ट्रॉबेरी की खेती इतना आगे बढ़ रही है। मैं यह भी कहना चाहती हूं कि आज देश के युवाओं को इससे काफी प्रोत्साहन भी मिल रहा है।