भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जिस तेजी के साथ मजबूत हो रहा है उसने मीडिया एवं एंटरटेनमेंट क्षेत्र को विश्व पटल पर लाने में अहम योगदान निभाया है। जी हां, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और AVGC यानि एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स क्षेत्र में हो रही प्रगति भारत को मीडिया और मनोरंजन उद्योग का पसंदीदा पोस्ट-प्रोडक्शन केंद्र बनाने की क्षमता रखती है। यह बात केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने रविवार को पुणे में सिम्बायोसिस स्किल एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ‘मीडिया और मनोरंजन के बदलते परिदृश्य 2022’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कही। आइए अब विस्तार से समझते हैं बदलाव के इस दौर को बारीकी से…
बेहतर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से बढ़ी उम्मीदें
भारत डिजिटल युग के नए दौर में प्रवेश कर चुका है। इस प्रसार का डिजिटल असर देश के कई महत्वपूर्ण सेक्टरों में हुआ है, जिनमें मीडिया एवं एंटरटेनमेंट भी प्रमुख रूप से शामिल रहा है। एवीजीसी क्षेत्र के लिए एक ठोस डिजिटल आधार देश भर में उभर रहा है। एवीजीसी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आधुनिक तकनीकों से युक्त नए युग की मनोरंजक एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स शामिल हैं। आने वाले दिनों में इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं को देखते हुए घरेलू एवं वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए विश्व स्तरीय रचनात्मक प्रतिभा विकसित करने के लिए सरकार ने एवीजीसी क्षेत्र के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है।
सरकार का खास फोकस
प्रौद्योगिकी के प्रति युवाओं की बढ़ती उत्साह और महत्वाकांक्षा को पंख देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अवसर प्रदान किए गए हैं। युवाओं को सशक्त बनाने की प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षा को ”कौशल भारत मिशन” द्वारा साकार किया गया है, जिसका उद्देश्य बाजार में 40 करोड़ युवाओं को आवश्यक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ नई साझेदारी कायम करने में जुटी है ताकि देश के छात्रों का रुझान इस क्षेत्र से जुड़ी प्रौद्योगिकी के अनुरूप हो। भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2021 के दौरान शुरू की गई ’75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो’ परियोजना देश में मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में रचनात्मक योगदान दे रही हैं और कुछ ने तो सफल स्टार्टअप भी स्थापित किए हैं।
2030 तक 100 अरब डॉलर का उद्योग
मीडिया और एंटरटेनमेंट इको-सिस्टम एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जो 2025 तक सालाना 4 लाख करोड़ रुपए अर्जित करने और 2030 तक 100 अरब डॉलर या 7.5 लाख करोड़ रुपए के उद्योग तक पहुंच सकता है। भारत सरकार ने ऑडियो-विजुअल सेवाओं को 12 चैंपियन सेवा क्षेत्रों में से एक के रूप में नामित किया है। केवल इतना ही नहीं भारत सरकार ने इसके निरंतर विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रमुख नीतिगत उपायों की भी घोषणा की। देश में बढ़ते स्टार्टअप इको-सिस्टम के कारण भारत एक ग्लोबल कंटेंट केंद्र के रूप में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहा है।
बढ़ रहे रोजगार के अवसर
रेडियो, फिल्म और मनोरंजन उद्योग में रोजगार के बहुत बड़े अवसर हैं। तभी तो गुणवत्तापूर्ण कंटेंट क्रिएशन के डिजिटल युग में छलांग लगा रहे हैं। वीडियो संपादन, कलर ग्रेडिंग, विजुअल इफेक्ट्स (VFX), साउंड डिजाइन, रोटोस्कोपिंग, 3 डी मॉडलिंग इत्यादि क्षेत्रों में कई प्रकार के रोजगार उभरे हैं। इस क्षेत्र में नौकरी के लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है। इसको पूरा करने के लिए सरकार उद्योग और शिक्षा जगत को एक साथ लाकर इस क्षेत्र की जरूरतों के लिए कार्यक्रम तैयार करने पर फोकस कर रही है।