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ऐसे विरले ही कारोबारी होते हैं, जो अपने बिजनेस के साथ-साथ समाज सेवा के लिए भी हमेशा तत्पर रहे। इन्हीं में से एक शख्सियत राजेश कुमार गुप्ता हैं। जो लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं। इसका उदाहरण हमें कोरोना काल में देखने को मिला जब राजेश कुमार गुप्ता ने लाखों रुपए सीएम रिलीफ फंड में दान कर दिए। वहीं फेस मास्क के साथ-साथ सैनिटाइजर को जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध करवाया। इसके अलावा अब वे इम्यूनिटी स्ट्रांग करने के लिए लोगों को कोरोनिल किट भी बांट रहे हैं। राजेश कुमार गुप्ता के इन्हीं कार्यों के कारण आज उनकी पहचान प्रमुख समाजसेवी के रूप में उभरी है।
राजेश कुमार गुप्ता, जितनी कारोबार में दिलचस्पी उतना ही समाज सेवा का जज्बा
राजेश गुप्ता का कोरोना काल में प्रशंसनीय योगदान
राजेश कुमार गुप्ता ने अपनी संस्था ग्रीनबेरी वेल्फ़ेयर फ़ाउण्डेशन के माध्यम से कोरोना काल में ठियोग और नारकंडा की सभी पंचायतों में और प्रदेश के सभी विभागों के दफ्तरों में करीब 3 लाख से ज्यादा मास्क और 50 हजार सैनिटाइजर बांटे हैं।
राजेश कुमार गुप्ता, जितनी कारोबार में दिलचस्पी उतना ही समाज सेवा का जज्बा
राजेश कुमार गुप्ता ने हिमाचल प्रदेश सरकार को 21 लाख की रकम मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए, 11 लाख प्रधानमंत्री केयर फंड और 5 लाख उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिए हैं। इसके अलावा संस्था ने मेडिकल कॉलेज के लिए वेंटिलेटर भी दिए हैं। इसके साथ ही शिमला, ठियोग, कुमारसैन और नारकंडा के सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को निशुल्क कोरोनिल किट भी दी जा रही है।
राजेश कुमार गुप्ता, जितनी कारोबार में दिलचस्पी उतना ही समाज सेवा का जज्बा
अपनी जन्मभूमि नारकंडा में गोद लिया सरकारी स्कूल
राजेश गुप्ता ग्रीनबेरी वेल्फ़ेयर फ़ाउण्डेशन के माध्यम से समय-समय पर हिमाचल में ब्लड डोनेशन और हेल्थ कैंप आयोजित करते रहते हैं। राजेश कुमार गुप्ता ने राम मंदिर निर्माण के लिए भी 11 लाख रुपए दिए हैं। वहीं उनकी संस्था ने नारकंडा में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल को भी गोद लिया है और सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ उसी स्कूल को ग्रीनबेरी फाउंडेशन के तहत एक विश्व स्तरीय स्कूल में परिवर्तित किया जा रहा है।
राजेश कुमार गुप्ता, जितनी कारोबार में दिलचस्पी उतना ही समाज सेवा का जज्बा
संघर्ष भरा रहा राजेश का जीवन
राजेश कुमार गुप्ता नारकंडा के रहने वाले हैं। वे ग्रीनबेरी आरकेजी ग्रुप व ग्रीनबेरी वेलफेयर फाउंडेशन के संस्थापक हैं। लेकिन उनका यहां तक पहुंचने का सफर इतना आसान नहीं है। राजेश कुमार का बचपन काफी संघर्ष में बीता है। वे बताते हैं कि परिवार संग उन्होंने ठेले पर मक्की और मूँगफली बेची है। यह उस लगन और संघर्ष का ही तो नतीजा है जो राजेश को आज इस मुकाम तक लाई है।
राजेश कुमार गुप्ता, जितनी कारोबार में दिलचस्पी उतना ही समाज सेवा का जज्बा
आखिरकार रंग लाई राजेश गुप्ता की मेहनत
राजेश गुप्ता लगातार मेहनत करते रहे और आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई। आज राजेश कुमार गुप्ता का करोड़ों का साम्राज्य है। उनका ग्रीनबेरी आरकेजी ग्रुप आज कई क्षेत्रों में काम कर रहा है। वे फॉयल मैन्युफैक्चरिंग, प्रिंटिंग और पैकेजिंग, फिल्म म्यूजिक एंड एंटरटेनमेंट, एफएमसीजी प्रोडक्ट्स, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर ( आगामी फाइव स्टार होटल, नारकंडा ), एजुकेशन सेक्टर (दिल्ली एनसीआर में दो स्कूल और लखनऊ में एक स्कूल) में काम कर रहे हैं। बता दें कि राजेश कुमार गुप्ता को पिछले वर्ष मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा प्राइड ऑफ हिमाचल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
राजेश कुमार गुप्ता और ग्रीनबेरी आरकेजी ग्रुप के बारे में ज्यादा जानने के लिए चेक करें: Facebook, Website
उम्मीद है आपको राजेश कुमार गुप्ता की ये कहानी प्रेरणादायक लगी होगी। अगर आप ऐसी ही किसी की प्रेरणादायक कहानी के बारे में जानते हैं तो आप हमसे sidestoryindia@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।