जैविक खेती (Organic Farming) किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है। इस खेती में जहां किसान को रसायनिक खादों का खर्च बच जाता है वहीं जैविक उत्पादों की कीमत भी ज्यादा मिलती है। ऐसे में किसान जैविक खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। देश में जैविक उत्पादों (Organic products) की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में जो किसान जैविक खेती कर रहे हैं, उनके लिए सुनहरा भविष्य है।
कोविड-19 के बाद बढ़ी जैविक उत्पादों की मांग
दरअसल देश में कोविड-19 के बाद से घरेलू बाजार में जैविक उत्पादों की मांग बढ़ गई है। लोगों का झुकाव इस तरफ बढ़ा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जैविक उत्पादों का घरेलू बाजार 17 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। दूसरी ओर, एक्सपोर्ट में भी काफी वृद्धि देखी जा रही है। एपिडा (APEDA) के मुताबिक 2020-21 के दौरान 7078.5 करोड़ रुपये के आर्गेनिक प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट किया गया।
जैविक खाद्य पदार्थों के फायदे क्या हैं?
जैविक खेती पर्यावरण, मिट्टी एवं जैव विविधता सहित मानव कल्याण का पूरा ध्यान रखती है। जैविक उर्वरकों का उपयोग और न्यूनतम जुताई जैसी जैविक खेती पद्धतियों से पोषक तत्वों और मिट्टी (Soil) की जल ग्रहण क्षमता में सुधार होता है। जैविक कृषि, मिट्टी में कार्बन को पृथक करने की क्षमता के कारण ग्रीन हाउस प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी योगदान देती है। जैविक खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और ये शरीर की प्रतिरक्षा (Immunity) को भी बढ़ाते हैं। जैविक रूप से तैयार की गई फसलों में भरपूर पोषक तत्व होते हैं।
जैविक खेती को प्रोत्साहन दे रही सरकार
केंद्र और राज्यों की सरकार भी जैविक खेती को लगातार बढ़ावा दे रही हैं। सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं लांच की हैं, जिसका किसान फायदा उठा रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक देश में इस समय (2020-21) के मुताबिक कुल 38.9 लाख हेक्टेयर में जैविक खेती हो रही है। जो कुल खेती योग्य जमीन (140 मिलियन हेक्टेयर) का 2.71 फीसदी है। धीरे-धीरे इसे और बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं। देश में 44.33 लाख किसान आधिकारिक तौर पर जैविक खेती कर रहे हैं।