भारत में कोविड की दूसरी लहर के बाद एक बार फिर कोरोना के एक नए वेरिएंट की चर्चा हो रही है। इस नए वेरिएंट को डेल्टा प्लस कहा जा रहा है। देश में कोरोना के इस नए रूप के अभी तक 48 से ऊपर मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार ने 8 राज्यों को चिट्ठी लिखकर कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के लिए अलर्ट किया है। चिट्ठी में कहा गया है कि इस वेरिएंट को देखते हुए टेस्टिंग, ट्रैकिंग और वैक्सीनेशन की रफ्तार को और बढ़ाने की जरूरत है। जहां-जहां भी डेल्टा प्लस के केस मिलते हैं, वहां सख्त कंटेनमेंट के इंतजाम किए जाएं। इसमें कोताही न बरती जाए।
ऐसे में बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ डेल्टा प्लस वेरिएंट के बारे में जानना बेहद जरूरी है। तो आइए समझते हैं कि आखिर ये डेल्टा वेरिएंट क्या है, यह कितना खतरनाक है, इसके लक्षण और भारत इससे लड़ने के लिए कितना तैयार है?
क्या है डेल्टा-प्लस वेरिएंट?
कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेल्टा नाम दिया है। अब B.1.617.2 में एक और म्यूटेशन K417N हुआ है, जो इससे पहले कोरोनावायरस के बीटा और गामा वेरिएंट्स में भी मिला था। नए म्यूटेशन के बाद बने वेरिएंट को डेल्टा प्लस वेरिएंट या AY.1 या B.1.617.2.1 कहा जा रहा है।
क्या डेल्टा प्लस वेरिएंट ज्यादा खतरनाक है?
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज के डायरेक्टर डॉ. सुजीत कुमार सिंह कहते हैं कि चूंकि डेल्टा वेरिएंट पहले से ही वेरिएंट ऑफ कंसर्न है इसीलिए इसके सब-लिनीएज को भी वेरिएंट ऑफ कंसर्न ही कहा जायेगा। वह कहते हैं, “प्लस का ये मतलब नहीं है कि वह ज्यादा तीव्रता के साथ लोगों को संक्रमित करेगा या कोई ज्यादा सिवीयर डिजीज करेगा। ये प्लस इंगित नहीं करता।”
डेल्टा प्लस वेरिएंट पर कितनी असरदार है वैक्सीन?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 25 जून तक भारत में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 48 केस नोट किये गए हैं। वहीं दुनिया के 12 देशों में भी इसके केस दर्ज किए जा चुके हैं। आईसीएमआर के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव कहते हैं कि भारत की दोनों वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ असरदार हैं, वहीं डेल्टा प्लस वेरिएंट पर यह असर करती है या नहीं इसके रिजल्ट 7-10 दिन में सभी के सामने आएंगे।
डेल्टा प्लस वेरिएंट को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं-
1. इनमें कहा गया है कि जिन राज्यों या जिलों में डेल्टा प्लस के मरीज मिले हैं, वहां भीड़ को रोकने और लोगों के मिलने-जुलने और आवाजाही पर नियंत्रण के लिए तत्काल जरूरी उपाय किए जाएं।
2. इसके साथ, जिन जिलों में डेल्टा प्लस के केस मिले हैं, वहां तत्काल प्रभाव से कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं।
3. पाबंदियों का सख्ती से पालन कराया जाए।
4. कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों के पर्याप्त नमूने तत्काल भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्सिया की प्रयोगशालाओं में भेजे जाएं।
इनपुट- पीबीएनएस