टोक्यो। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में अपना खाता खोल दिया है। वेटलिफ्टिंग में महिला 49 किलोग्राम वर्ग में मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीता है। उनकी इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “मीराबाई चानू के शानदार प्रदर्शन से भारत उत्साहित है। वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है।”
कौन है मीराबाई चानू ?
मणिपुर की राजधानी इम्फाल की रहने वाली मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को इम्फाल में हुआ था। चानू को बचपन में तीरंदाजी का शौक था और वो इसी में अपना करियर भी बनाना चाहती थी, लेकिन 8वीं कक्षा के बाद उनका झुकाव वेटलिफ्टिंग की ओर हो गया और फिर उन्होंने इसी में आगे बढ़ने का फैसला किया। इम्फाल की वेटलिफ्टर कुंजरानी को प्रेरणा मानकर चानू भी भारोत्तोलन में दिलचस्पी लेने लगी थी।
चानू ने महज 11 वर्ष की उम्र में एक लोकल वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने विश्व और एशियाई जूनियर चैंपियनशिप प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने अंतर्राष्ट्रीय भारोत्तोलन करियर की शुरूआत की थी।
मीराबाई चानू की उपलब्धियां
साइखोम मीराबाई चानू अब तक देश के लिए कई मेडल जीत चुकी हैं। वर्ष 2014 में ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। इसके बाद 2016 के रियो ओलंपिक गेम्स के क्वालीफाई मैच में चानू ने अपनी प्रेरणा वेटलिफ्टर कुंजरानी को हराकर रियो ओलंपिक्स में अपनी जगह बनाई थी। वर्ष 2017 में हुई वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था।
2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में भी चानू ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इसके अलावा अप्रैल 2021 में ताशकंद में आयोजित एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप के दौरान, मीराबाई चानू ने महिलाओं की 49 किग्रा क्लीन एंड जर्क श्रेणीं में 119 किग्रा भार उठाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था। हालांकि स्नैच में खराब प्रदर्शन के कारण एशियाई मीट में उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था।
वर्ष 2018 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था। चानू को वर्ष 2018 में ही भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।