मुगल गार्डन में प्रवेश के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
कर सकते हैं। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच एक-एक घंटे के सात अग्रिम बुकिंग स्लॉट उपलब्ध होंगे। प्रत्येक स्लॉट में अधिकतम 100 लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। आगंतुकों को अंतिम प्रवेश शाम 4 बजे दिया जाएगा और प्रवेश राष्ट्रपति भवन के गेट संख्या 35 से होगा। पहले राष्ट्रपति भवन से टिकट लेकर भी मुगल गार्डन देखने जा सकते थे लेकिन इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की ही व्यवस्था है। (यहां देखें कैसे ऑनलाइन बुक कर सकते हैं मुगल गार्डन का टिकट) https://rb.nic.in/rbvisit/museum_video.aspx
मुगल गार्डन में इन चीजों के ले जाने पर प्रतिबंध
बता दें कि राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी होती है। इसलिए बहुत -सी चीजें आप अपने साथ नहीं ले जा सकते। आप मुगल गार्डन जाते वक्त अपने साथ पानी की बोतल, ब्रीफकेस, पर्स, कैमरा, रेडियो डिब्बे, छाता और खाद्य सामग्री लेकर नहीं जा सकते।

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मुगल गार्डन में गुलाब की 150 प्रमुख प्रजातियां
मुगल गार्डन का निर्माण सन 1928 में हुआ था। एडवर्ड लुटियंस ने इसकी रचना की। जानकारी के मुताबिक मुख्य उद्यान के दोनों ओर उत्तरी और दक्षिणी सीमाओं पर ऊंचे तल पर लंबी क्यारियां हैं। उद्यान में गुलाब की 150 प्रमुख प्रजातियां हैं जिसके कारण यह विश्व के सबसे अच्छे उद्यानों में से एक हो जाता है। इसमें बोन्न नुइट, ओलाहोमा जैसे गुलाब भी हैं जो कि कालेपन के नजदीक होते हैं। नीले रंगों में यहां पैराडाइज, ब्लू मून, लेडी एक्स हैं। यहां पर दुर्लभ हरा गुलाब भी मिलता है। गुलाबों के नाम बहुत ही रोचक हैं। बहुत से भारतीयों के नाम पर भी यहां गुलाब हैं, जैसे मदर टेरेसा, अर्जुन, भीम, राजा राम मोहन राय, जवाहर, डॉ. बी.पी. पाल, जॉन एफ-केनेडी और क्वीन एलिजाबेथ।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने मुगल गार्डन को आम नागरिकों के लिए खोला था
मुगल गार्डन में एक फव्वारा भी है जो कि अंदर की ओर गिरकर एक कुएं की शक्ल बनाता है। पश्चिम कोने पर दो बुर्ज हैं और पूर्वी कोने पर दो सुंदर ढंग से निर्मित संतरी चौकियां हैं। दुर्लभ और आकर्षक गुलाबों के लिए प्रसिद्ध इस उद्यान में इस वर्ष ग्रेस द मोनाको नाम का गुलाब खास होगा, इसे मोनाको के राजा एल्बर्ट द्वितीय ने यहां रोपा था। बता दें कि प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने मुगल गार्डन को आम नागरिकों के लिए खोलने का आदेश जारी किया था।