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जोधपुर की सड़कों पर झाड़ू लगाकर अपने दो बच्चों का पेट पालने वाली सफाईकर्मी आशा कंडारा ने आरएएस (राजस्थान प्रशासनिक सेवा) की परीक्षा पास की है। आशा ने आरएएस की परीक्षा में 728वीं रैंक हासिल की है। अपनी सफलता पर आशा का कहना है कि मैं कर सकती हूं तो कोई भी कर सकता है। इसलिए कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।
2 वर्षों से नगर निगम में कर रहीं थी सफाईकर्मी का काम
आशा कंडारा जोधपुर नगर निगम में 2 वर्षों से सफाई कर्मचारी के रूप में काम कर रही थी। उनका रोजगार अस्थायी था, हाल ही में उन्हें आरएएस परीक्षा के परिणाम घोषित होने से 12 दिन पहले एक स्थायी नौकरी दी गई थी। अब उसे एक सफाई कर्मचारी के रूप में अपने कर्तव्यों से मुक्त कर दिया जाएगा।
झाड़ू लगाने वाली बनी RAS अधिकारी, बोलीं- मैं कर सकती हूं तो कोई भी कर सकता है
स्नातक के बाद शुरू की प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं की तैयारी
आशा की 8 साल पहले अपने पति से अनबन हो गई थी। जिसके बाद उन्होंने अलग रहने का फैसला लिया। आशा ने अपनी तैयारियों को आगे बढ़ाया और साथ ही अपनी बेटी और बेटे की जिम्मेदारी भी संभाली। स्नातक होने के बाद ही आशा कंदारा ने राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी और उसकी मेहनत आखिरकार रंग लाई। एक सिविल सेवक बनने के अपने जीवन भर के सपने को साकार करते हुए, आशा कंदरा ने यह साबित करके दिखाया है कि जुनून हो तो सब कुछ संभव है।
निगम के अधिकारियों को देखकर अफसर बनने के जुनून को मिली हवा
आशा कंडारा बताती हैं कि जोधपुर नगर निगम के अधिकारियों को देखकर उनके मन में अफसर बनने के जुनून को हवा मिली और आरएएस की परीक्षा के लिए दिन रात मेहनत करने लगीं। आखिरकार आशा की मेहनत रंग लगाई और उन्होंने आरएएस की परीक्षा पास की। आज जहां आशा के परिजनों को उन पर गर्व है वहीं आशा ने साबित कर दिखाया है कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता और छोटा काम करने वाला व्यक्ति भी बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकता है।