कॉर्पोरेट दुनिया में बहुत सफल कैरियर के 35 वर्षों के बाद हिमाचल के संजय मेहता (Sanjay Mehta) ने अब बागवानी के क्षेत्र को संवारने की ठानी है। इसके लिए संजय मेहता प्लम ग्रोवर फोरम (PGF) से जुड़े हैं। वे PGF के एक्टिव मेंबर हैं और पीजीएफ में प्लानिंग हेड की भूमिका भी निभा रहे हैं। संजय मेहता का मकसद किसानों और बागवानों की इनकम बढ़ाना है। संजय फ्रूट फार्मिंग में माड्रनाइजेंशन और वर्ल्ड क्लास प्रोडेक्टिविटी के लिए काम कर रहे हैं। वे हिमाचल में अमूल की तरह कोऑपरेटिव शुरू करने जा रहे हैं।

कॉर्पोरेट दुनिया में सफल करियर के बाद अब बागवानी को संवारेंगे संजय मेहता
संजय के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में अभी तक एक बीघा से एक लाख से भी कम कमाई होती है वो इसे 4-5 लाख तक ले जाना चाहते हैं। संजय फिलहाल प्रति बीघा इनकम को बढ़ाने के मकसद से प्लान तैयार कर रहे हैं। पिछले दिनों इसे लेकर संजय मेहता ने सरकार के अधिकारियों से भी बातचीत की थी। संजय हिमाचल प्रदेश की चार हजार करोड़ की फ्रूट इकॉनोमी को अगले पांच साल में 25 हजार करोड़ तक ले जाना चाहते हैं। पीजीएफ किसान मंच के माध्यम से वे विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए काम करेंगे।

कॉर्पोरेट दुनिया में सफल करियर के बाद अब बागवानी को संवारेंगे संजय मेहता
बता दें कि संजय मेहता को बीपीओ सेक्टर में 20 साल काम करने का अनुभव है। वे दुनिया की सबसे बड़ी बीपीओ कंपनी Teleperformance के मैनेजिंग डायरेक्टर एंड सीईओ रह चुके हैं। अपने इस अनुभव को संजय बागवानी के क्षेत्र में इस्तेमाल करेंगे और बागवानी के क्षेत्र को संवारने का काम करेंगे।

कॉर्पोरेट दुनिया में सफल करियर के बाद अब बागवानी को संवारेंगे संजय मेहता
दरअसल प्लम की बागवानी का हिमाचल में बहुत स्कोप है। नई किस्मों के प्लम से बागवानों को अच्छी आमदानी हो रही है। नए किस्म के प्लम जल्दी खराब भी नहीं होते। इस कारण बागवानों को इन्हें बेचने का समय मिल जाता है। वर्ष 2020 में दिल्ली मंडी में प्लम 160 से 180 रुपये किलो बिका है वहीं शिमला की मंडी में प्लम को 100 रुपए प्रतिकिलो के भाव मिले हैं।