- इस मंदिर में न छत है न पुजारी
- पहले चढ़ाते थे पुराने औज़ार
- अब चढ़ाने लगे गाड़ियों के पुर्जे और नंबर प्लेट
- वाहन चालकों में गहरी आस्था
देश में कई ऐसे मंदिर हैं जहां अलग ही तरह की परंपरा है। आमतौर पर जहां मंदिरों में प्रसाद आदि चढ़ाया जाता है वहीं एक ऐसा मंदिर भी है जहां प्रसाद नहीं चढ़ता। इस मंदिर में प्रसाद के नाम पर गाड़ियों के खराब पुर्जे, नंबर प्लेट और पुराने औजार चढ़ाए जाते हैं।

इस मंदिर में नहीं चढ़ता प्रसाद, चढ़ाए जाते हैं गाड़ियों के खराब पुर्जे और नंबर प्लेट
यह मंदिर हिमाचल प्रदेश की सराज घाटी में है। मगरूगला नामक स्थान के पास स्थित देवता बनशीरा का यह मंदिर बिना छत के है। वहीं इस मंदिर में कोई पुजारी भी नहीं है। लोक मान्यताओं के अनुसार देवता सदियों से इसी स्थान पर विराजमान है और इसे जंगल का देवता कहा जाता है।
हालांकि प्राचीन समय में घरों के पुराने औजार देवता के मंदिर में चढ़ाए जाते थे लेकिन अब समय के साथ-साथ गाड़ियों के पुर्जे और नंबर प्लेट भी चढ़ाए जाने लगे। मान्यता है कि ऐसा करने से उस वस्तु पर देवता की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है और कोई संकट भी नहीं आता है।

इस मंदिर में नहीं चढ़ता प्रसाद, चढ़ाए जाते हैं गाड़ियों के खराब पुर्जे और नंबर प्लेट
तस्वीरों में आप देख सकते हैं, मंदिर के पास पुरानें औजारों विशेषकर गाड़ियों के पुर्जों और नंबर प्लेट के ढेर लगे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वाहन चालकों की इस मंदिर में कितनी आस्था है। जो भी वाहन चालक इस मार्ग से गुजरता है वो एक बार मंदिर में जाकर आशीर्वाद जरूर लेता है।